पोक्सो कोर्ट ने साक्षियों के बयानों में विरोधाभास के कारण एक नाबालिग लड़की पर अत्याचार के आरोप से एक व्यक्ति को बरी कर दिया है। बरी हुए व्यक्ति का नाम रोशन डेविड डिक्रुज है, जो कैंप का निवासी है। यह फैसला पोक्सो कोर्ट की न्यायाधीश सी. एम. पुष्पलता ने सुनाया।

17 जुलाई 2021 को एक नाबालिग लड़की पर अत्याचार का मामला सामने आने के बाद कैंप पुलिस स्टेशन में रोशन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराकर मेडिकल जांच की गई, जिसके बाद उसके माता-पिता ने कैंप पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। इसके आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। कैंप के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक प्रभाकर धर्मट्टी ने जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 18 साक्षियों, 56 दस्तावेजी सबूतों और 7 जब्त सामग्रियों की जांच की गई, जबकि बचाव पक्ष की ओर से 10 दस्तावेजी सबूत पेश किए गए। हालांकि, साक्षियों के बयानों में विरोधाभास और असंगतियों के कारण उन पर भरोसा नहीं किया जा सका। इस आधार पर न्यायाधीश सी. एम. पुष्पलता ने संदिग्ध को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शामसुंदर पत्तार, हेमराज बेंच्चण्णावर, महेश मजुकर, सौरवसिंह पाटील और कुमार इटगेकर ने पैरवी की।