बेलगावी में धोखाधड़ी और लापरवाही का चौंकाने वाला मामला:
जिंदा महिला का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी, पति पर 23 लाख के बीमा क्लेम का फर्जीवाड़ा करने का आरोप

सकाल की रिपोर्ट के अनुसार, बेलगावी सिटी कॉर्पोरेशन (सीसीबी) ने एक जीवित महिला का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया, जिसका उपयोग उसके पति ने ₹23 लाख का बीमा दावा करने के लिए किया। यह मामला धोखाधड़ी और अधिकारियों की लापरवाही का चौंकाने वाला उदाहरण है।

वडगांव के नज़ार कैंप निवासी पति ने अपनी पत्नी का मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन किया, जिसे बिना सही जांच के सीसीबी ने मंजूरी दे दी। इस प्रमाणपत्र का इस्तेमाल कर उसने एक बीमा कंपनी से दावा किया। पहला क्लेम तो मंजूर हो गया, लेकिन दूसरे दावे पर कंपनी को शक हुआ और उसने जांच शुरू की।

पुलिस की मदद से पता चला कि महिला जिंदा है। जांच के दौरान पति ने वीडियो कॉल भी किया, जिसमें महिला की मौजूदगी साबित हुई। बीमा कंपनी ने ₹23 लाख की राशि मंजूर कर दी थी, लेकिन गड़बड़ी पकड़े जाने पर भुगतान रोक दिया, जिससे धोखाधड़ी नाकाम हो गई।

यह मामला तब सामने आया जब बीमा अधिकारियों और पुलिस ने म्युनिसिपल कमिश्नर शुभा बी. से मुलाकात की। कमिश्नर हैरान रह गईं और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव नांद्रे को पुलिस में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया, क्योंकि उनकी निगरानी में यह प्रमाणपत्र जारी किया गया था। शाहापुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन अभी केस दर्ज नहीं हुआ है।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वडगांव श्मशान घाट के एक कर्मचारी ने ₹50,000 लेकर झूठे दस्तावेज बनाने में मदद की। नज़ार कैंप डिवीजन की एक महिला स्वास्थ्य इंस्पेक्टर भी जांच के दायरे में है, जिसने बिना सही सत्यापन के NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) जारी किया।

यह घटना सीसीबी में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि पहले भी बांग्लादेशी नागरिकों को जाली जन्म प्रमाणपत्र जारी करने और डीसी ऑफिस के पास जमीन विवाद में मृत्यु प्रमाणपत्र के गलत इस्तेमाल के मामले सामने आ चुके हैं।