तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज की रासायनिक कारखाने में 30 जून को सुबह विस्फोट हुआ था, जिसमें कई कर्मचारी हताहत हुए हैं. इसमें मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 42 हो गई. मलबा हटाने का काम जारी है. बताया गया है कि घटना के समय 108 कर्मचारी काम पर थे.

 

हैदराबाद: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के एक रासायनिक कारखाने में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 42 हो गई, क्योंकि बचाव अभियान के दौरान और शव बरामद किए गए. 34 अन्य को गंभीर रूप से झुलसने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट 30 जून को सुबह करीब 9:10 बजे कंपनी सिगाची इंडस्ट्रीज की उत्पादन इकाई वाली दो मंजिला इमारत में हुआ. बताया जा रहा है कि घटना के समय 108 कर्मचारी काम पर थे. इमारत के ढहने से उनमें से कई लोग कई मीटर दूर जाकर गिरे.

सूत्रों ने बताया कि मृतकों में कंपनी का एक शीर्ष अधिकारी भी शामिल है, जो कुछ ही मिनट पहले यूनिट में आया था. पास में खड़ी उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.

सिगाची इंडस्ट्रीज माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज पाउडर का निर्माण करती है जिसका उपयोग एंटी-केकिंग एजेंट के रूप में किया जाता है. इसने अपनी वेबसाइट पर खुद को फार्मा एक्सीपिएंट्स, न्यूट्रा और खाद्य सामग्री के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में पेश किया है. घटना के बाद कंपनी के शेयरों में 15% की गिरावट आई.

कंपनी ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी इस विशाल संयंत्र में तीन शिफ्टों में काम पर रखा है. उन्हें तीन ठेकेदारों द्वारा दैनिक आधार पर काम पर रखा गया था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार रात तक मृतकों की संख्या 12 थी जो मंगलवार सुबह बढ़कर 34 हो गई तथा अब इसमें और वृद्धि हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 42 हो गई है.

जिला पुलिस अधीक्षक परितोष पंकज ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘मलबे को हटाते समय कई शव बरामद हुए हैं… बचाव अभियान का अंतिम चरण अभी भी जारी है.’

हालांकि विस्फोट के कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन संदेह है कि यह रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार, पेपर कटिंग यूनिट में ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, विस्फोट सुबह 9:10 बजे यूनिट के दो रिएक्टरों में से एक में हुआ था.

विस्फोट इतना तेज था कि पूरी तीन मंजिला इमारत जमींदोज हो गई और कई कर्मचारी 100 मीटर दूर तक गिर गए. इसका असर पांच किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकि शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और उनकी पहचान नहीं हो पा रही है, इसलिए अधिकारियों ने पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया है.

इस बीच, पोस्टमॉर्टम और डीएनए सैंपल कलेक्शन में सहायता के लिए उस्मानिया जनरल अस्पताल से एक विशेष फोरेंसिक टीम को बुलाया गया है. अब तक 15 शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है, जिसमें से केवल चार पीड़ितों की पहचान हो पाई है.

 

Source: The Wire