कर्नाटक विधानसभा में ऑनलाइन गेमिंग नियंत्रण और सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम पर चर्चा
सरकार का कड़े कानून और विशेष टास्क फोर्स गठन का संकल्प
बेंगलुरु, 13 अगस्त
कर्नाटक विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही में राज्य में ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने और सांप्रदायिक हिंसा की रोकथाम के लिए विशेष टास्क फोर्स के गठन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान विधायकों के विभिन्न सवालों का सरकार की ओर से जवाब दिया गया।
गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने सदन को बताया कि ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए 2021 में पुलिस अधिनियम में संशोधन लाया गया था, लेकिन ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने इस पर अदालत से रोक प्राप्त कर ली। 2022 में यह संशोधन कानून रद्द कर दिया गया, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।
संशोधन कानून के तहत कंप्यूटर, मोबाइल ऐप्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स को कानून के दायरे में लाया गया था। हाल ही में 8 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में इस पर नियंत्रण के उपायों पर चर्चा हुई, और कंपनियों ने इस पर सहमति जताई।
इस उद्देश्य के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रणव मोहनती की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जो सितंबर में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण के लिए समिति की सिफारिशों के आधार पर कड़े कदम उठाए जाएंगे, और इस संबंध में सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।







