
अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया फ्लाइट 171 में सवार एकमात्र जीवित व्यक्ति 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश ने कहा कि विमान के उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद एक तेज़ आवाज़ हुई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
अहमदाबाद: उड़ान भरने से पहले 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में कुछ भी असामान्य नहीं लग रहा था. लेकिन जैसे ही विमान के पहिए जमीन से ऊपर उठे, सब कुछ बदल गया. अगले 30 सेकंड के भीतर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
गुरुवार (12 जून) को हुई इस त्रासदी में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है और वाइब्स ऑफ इंडिया अभी भी मृतकों की आधिकारिक संख्या का इंतजार कर रहा है, लेकिन इस दिन का एकमात्र सकारात्मक पहलू यह था कि रमेश को आग की लपटों से घिरे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर से बाहर निकलते हुए देखा गया.
रमेश को चोटें आईं हैं. वह अभी सिविल अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया जा रहा है. विश्वास ने कहा, ‘मैं भगवान में विश्वास करता हूं… मैं अभी भी अपने भाई का इंतजार कर रहा हूं, जो मेरे साथ यात्रा कर रहा था.’
‘विमान के उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद एक तेज़ आवाज़ हुई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह सब बहुत जल्दी हुआ.’ 40 वर्षीय व्यक्ति ने कहा, जो एयर इंडिया की दुर्भाग्यपूर्ण उड़ान 171 के कुछ जीवित बचे लोगों में से एक है – या शायद एकमात्र जीवित व्यक्ति – जो गुरुवार को दोपहर लगभग 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
विमान में चालक दल के दस सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे. मृतकों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और कुछ शव अभी बरामद होने बाकी हैं. शहर के पुलिस प्रमुख जीएस मलिक ने पुष्टि की है कि 204 शव बरामद किए गए हैं.
विमान अहमदाबाद के व्यस्त इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसका असर शहर के मेघाणीनगर क्षेत्र में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर पर पड़ा.
मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल कैंटीन में लंच कर रहे कम से कम पांच मेडिकल छात्रों की मौत हो गई है. अन्य 20 को जलने के कारण सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अस्पताल परिसर में रहने वाले कई लोग, जो डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के रिश्तेदार हैं, के भी मौत होने की आशंका है.
विमान में सवार लोगों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय रूपाणी भी शामिल थे. केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इस घटना में उनकी मौत की पुष्टि की है.
विमान में 53 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली नागरिक और एक कनाडाई नागरिक सवार थे. बाकी सभी भारतीय नागरिक थे. मृतकों में पायलट सुमित सभरवाल भी शामिल हैं, जिन्हें लगभग 8,700 उड़ान घंटों का अनुभव था.
‘चारों ओर लाशें थीं’
सीट 11ए पर बैठे ब्रिटिश नागरिक रमेश अब सिविल अस्पताल के सामान्य वार्ड में भर्ती हैं. उनकी छाती, आंख और पैरों में चोटें आई हैं; वास्तव में, जब उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल लाया गया तो वे पैदल ही अस्पताल में पहुंचे थे.
रमेश कुछ दिनों के लिए अपने परिवार से मिलने भारत आए थे और अपने भाई 45 वर्षीय अजय कुमार के साथ ब्रिटेन वापस जा रहे थे.
उन्होंने बताया कि जब वे दुर्घटना के बाद उठे तो उन्होंने अपने चारों ओर केवल लाशें ही देखीं.
रमेश ने कहा, ‘मैंने जो देखा, उस पर मुझे यकीन नहीं हुआ. मैं खड़ा हुआ और भागने लगा. मेरे चारों तरफ विमान के टुकड़े पड़े थे. किसी ने मुझे पकड़ लिया और एम्बुलेंस में डालकर अस्पताल ले गया.’ बताया जाता है कि रमेश विमान के आपातकालीन द्वार से कूदकर बाहर निकल गए थे.
उन्होंने बताया कि वे 20 साल से लंदन में रह रहे हैं और उनकी पत्नी और बच्चे भी वहीं रहते हैं. रमेश ने कहा, ‘वे डरे हुए थे, लेकिन अब उन्हें पता है कि मैं जिंदा हूं. मैं उन सभी के लिए दुखी हूं, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है.’
हालांकि दोनों भाइयों ने एक साथ बैठने का अनुरोध किया था, लेकिन अधिक भीड़ और अंतिम समय में किए गए अनुरोध के कारण उन्हें अलग-अलग बैठाया गया. रमेश सीट 11ए पर थे.
उन्होंने बताया कि उनके भाई अजय विमान में अलग पंक्ति में बैठे थे. उन्होंने कहा, ‘हम दीव गए थे. वह मेरे साथ यात्रा कर रहा था और अब मैं उसे नहीं ढूंढ पा रहा हूं. कृपया उन्हें ढूंढने में मेरी मदद करें.’