‘व्हाट्सएप हिस्ट्री’: अकादमिक कठोरता या राजनीतिक एजेंडे पर आधारित है?

हिंदू राष्ट्रवाद के प्रचार और गलत धारणाओं को फैलाने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल मौजूदा तंत्र के अतिरिक्त प्रचार के रूप में किया जा रहा है, जिसका मुक़ाबला करने की…

बेलगाम में रिक्शा ड्राइवर पर जानलेवा हमला..

बेलगाम में एक घटना घटी जहां ऑटो में सफर कर रहे एक यात्री ने ऑटो चालक पर जानलेवा हमला कर दिया. ऑटो बेलगाम बस स्टैंड से अलारावद क्रॉस की ओर…

महाराष्ट्र: धारावी पुनर्विकास बना मुख्य चुनावी मुद्दा, विपक्ष ने अडानी के ‘ज़मीन हड़पने’ पर उठाए सवाल

मुंबई के धारावी में स्थानीय लोगों का दावा है कि पुनर्विकास योजना के बारे में जानकारी और पारदर्शिता की कमी के कारण सत्तारूढ़ और विपक्षी, दोनों दल उनका शोषण कर…

बात–बेबात: ‘हम तो एक हैं, सेफ हैं, पर आपका क्‍या होगा…’

“आपको मेरी बातें चुभ रही होंगीं, पर कड़वी सच्‍चाई यही है। आपकी व्‍यवस्‍था ने ही लोगों को ऊंच-नीच अपने-पराए में बांटा…”   आज मॉर्निंग वॉक के लिए पटेल पार्क गया।…

कटाक्ष: हिंदू ख़तरे में पड़ता गया, ज्यों-ज्यों रक्षा की उन्होंने!

मोदी जी के देखते-देखते, हिंदू के लिए ख़तरा बहुत बढ़ गया। और यह बात कोई और नहीं ख़ुद मोदी जी कह रहे हैं और छाती ठोक-ठोक कर कह रहे हैं।…

‘राष्ट्र और नैतिकता’ भारत के सामाजिक और राजनीतिक जीवन को समझने की नैतिक मार्गदर्शिका है

पुस्तक समीक्षा: राजीव भार्गव की ‘राष्ट्र और नैतिकता : नए भारत से उठते 100 सवाल ‘न केवल भारत के समकालीन नैतिक संकटों पर प्रकाश डालती है, बल्कि यह हर उस…

हिंदुत्व की राजनीति ने हिंदू धार्मिक उत्सवों पर असर डाला है

90 के दशक से ही राजनीति द्वारा धर्म के संगठित और सुनियोजित उपयोग की जो प्रक्रिया आरंभ हुई 2014 के बाद उसमें और तेज़ी आई. पिछले कुछ वर्षों में तो…

उत्तराखंड: अब, उत्तरकाशी में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिशें की जा रही हैं

उत्तरकाशी मस्जिद की ज़मीन के दस्तावेजों की दोबारा से जांच करने की मुख्यमंत्री की घोषणा से हिंदुत्व संगठनों/समूहों का हौसला बढ़ गया है, जिन्होंने 25 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करने…

सियासत: चुनाव का एजेंडा क्यों नहीं बनते बुनियादी मुद्दे

ज़मीन के हालात कुछ और हैं और राजनीतिक मंचों पर बयानबाज़ी कुछ और। फिर कौन जनता की असल समस्याओं पर ध्यान देगा। महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव, झारखंड में विधानसभा चुनाव,…