रामपुर के मिलक कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का मामला. बताया गया है कि गांव में एक सरकारी भूखंड पर बीआर आंबेडकर की तस्वीर वाला बोर्ड लगाने को लेकर हुई झड़प में 17 वर्षीय दलित युवक की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए. रामपुर डीएम ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.

 

नई दिल्ली: रामपुर पुलिस ने बुधवार को बताया कि यहां सरकारी जमीन के एक भूखंड पर बीआर आंबेडकर की तस्वीर वाला बोर्ड लगाने को लेकर हुई झड़प में 17 वर्षीय दलित युवक की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए.

पुलिस ने कहा कि हत्या के आरोप में चार पुलिसकर्मियों और एक होम गार्ड सहित 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मृतक की पहचान दसवीं कक्षा के छात्र सोमेश के रूप में की है. युवक के परिवार ने दावा किया कि सोमेश, जो घटनास्थल पर खड़ा था, पुलिस फायरिंग के बीच गोली लगने से मारा गया. पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है.

रामपुर के डीएम जोगिंदर सिंह ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों ने कहा कि दो घायल व्यक्तियों की हालत स्थिर है, जिनकी पहचान रहीसपाल और रमन के रूप में हुई है, जो दोनों दलित हैं.

यह घटना तब हुई जब जिला प्रशासन और पुलिस की एक टीम मंगलवार को उस बोर्ड को हटाने के लिए मिलक कोतवाली क्षेत्र के सिलईबड़ा गांव पहुंची, जहां एक भूखंड को ‘आंबेडकर पार्क’ घोषित किया गया था. आंबेडकर की तस्वीर वाला बोर्ड लगभग दो महीने पहले भूखंड के समतलीकरण के बाद लगाया गया था.

कुर्मी समुदाय (ओबीसी) के कुछ ग्रामीणों ने बोर्ड लगाने के तुरंत बाद आपत्ति जताई और जिला प्रशासन के पास शिकायत भी दर्ज कराई. यह घटना मंगलवार को तब हुई जब जिला प्रशासन की एक टीम ने पुलिस के साथ शिकायत के सिलसिले में गांव का दौरा किया.

एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि झड़प में पथराव और गोलीबारी हुई. अधिकारी ने बताया कि तीन सरकारी वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.

बुधवार को जब पोस्टमार्टम के बाद शव वापस लाया गया तो सोमेश के परिवार के सदस्यों ने कुछ स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर गांव में विरोध प्रदर्शन किया. उनकी मांगों में मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा, घायलों को 10 लाख रुपये और घटना के लिए कथित रूप से जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को निलंबित करना शामिल है.

जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन्हें हरसंभव मदद और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद ही पीड़ित परिवार ने अंतिम संस्कार किया.

डीएम जोगिंदर सिंह ने कहा कि स्थिति जल्द ही नियंत्रण में कर ली गई, जांच के दौरान सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा. कुर्मी बहुल इस गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

बताया गया है कि मंगलवार को जिला प्रशासन और पुलिस की एक टीम इस मामले को सुलझाने के लिए गांव गई थी. दलित समुदाय के कुछ सदस्य जल्द ही मौके पर पहुंच गए. जब प्रशासन की टीम ने निर्देश दिया कि बोर्ड हटा दिया जाए, तो पुलिसकर्मियों और दलित समूह के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जिससे उस समय स्थिति खराब हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पथराव करना शुरू कर दिया.

पुलिस ने दावा किया कि इसी बीच कुर्मी समुदाय का एक और समूह आ गया और झड़प हो गई. अधिकारियों ने दावा किया कि घटनास्थल के पास खड़े सोमेश के सिर पर गोली लगी और उसकी तुरंत मौत हो गई. मौत की खबर फैलते ही स्थानीय निवासियों ने सड़क जाम कर दी.

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

बुधवार को सोमेश के पिता गेंदनलाल ने मिलक पुलिस थाने में हत्या और दंगा सहित कई आरोपों में चार पुलिसकर्मियों, अज्ञात लोगों और उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और स्थानीय तहसीलदार के एक होमगार्ड सहित 23 नामित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. पुलिस ने मामले में एससी/एसटी एक्ट भी लगाया है.

आरोपियों में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर, तीन पुलिस कॉन्स्टेबल और स्थानीय निवासी शामिल हैं, जिनमें ज्यादातर कुर्मी समुदाय से हैं.

अमर उजाला के अनुसार, आरोपियों पर एससी-एसटी एक्ट सहित 147,148, 149, 323, 302 की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि साजिश का आरोप कुछ स्थानीय निवासियों ने लगाया है.

रामपुर के एसपी राजेश द्विवेदी ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी.

अमर उजाला के मुताबिक, इसी बीच, मिलक पुलिस स्टेशन के एसडीएम और सीओ को हटा दिया गया है. एसपी ने मिलक कोतवाली के इंस्पेक्टर, चौकी प्रभारी और तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में चौकी प्रभारी सहित 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है.

Source: The Wire