मई 2023 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद जनता दल (सेकुलर) भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव में उतर रही है और कर्नाटक में तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि उनके सामने तीनों सीटों पर जीत हासिल करने की चुनौती है. कर्नाटक के 14 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होना है.

 

नई दिल्ली: मई 2023 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद जनता दल (सेकुलर) भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव में उतर रही है और कर्नाटक में तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. यह मतदान उस क्षेत्रीय पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है जो न केवल अपनी अस्तित्व के लिए संघर्ष रही है बल्कि वोक्कालिगा बहुल पुराने मैसूर क्षेत्र की राजनीति में अपनी पहचान बनाए रखने के लिए भी लड़ रही है.

द हिंदू से बातचीत में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेकुलर) के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि यह उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण चुनाव है. जद (एस) के सामने तीनों सीटों पर जीत हासिल करने की चुनौती है. हम पार्टी को पुनर्जीवित करेंगे और वापसी करेंगे.

कांग्रेस से उनके मुकाबले को लेकर उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और अन्य नेताओं से अब भी गंभीर खतरा बना हुआ है. उनका मुख्य एजेंडा मुझे मांड्या में और एचडी रेवन्ना के बेटे प्रज्वल रेवन्ना को हासन में खत्म करना है. इसके लिए कई गैरकानूनी काम भी किए जा रहे हैं.’

भाजपा से गठबंधन पर कुमारस्वामी ने कहा, ‘गठबंधन के बिना भाजपा और जद (एस) के वोटों के बंटवारे से कांग्रेस 15 से अधिक सीटें जीत लेती. अगर हम अकेले जाते तो पैसे की भी दिक्कत होती. इतना ही नहीं, यह गठबंधन कांग्रेस सरकार द्वारा कर्नाटक में होने वाले नुकसान को रोकने और सरकार को हटाने के लिए है. अन्यथा, 2023 के विधानसभा चुनाव परिणामों के अनुसार, गठबंधन के बिना भी जेडी (एस) अपने दम पर मांड्या, कोलार, तुमकुरु और हसन निर्वाचन क्षेत्रों में जीतने में सक्षम थी.’

गठबंधन की भविष्य को लेकर उन्होंने कहा, ‘भाजपा से हाथ मिलाने के बाद हम स्थायी तौर पर उनके साथ रहना चाहते हैं. इस गठबंधन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि चीजें किस तरह आगे बढ़ेंगी और वे हमारे साथ कैसा व्यवहार करते हैं.’

नई दिल्ली: मई 2023 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद जनता दल (सेकुलर) भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव में उतर रही है और कर्नाटक में तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. यह मतदान उस क्षेत्रीय पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है जो न केवल अपनी अस्तित्व के लिए संघर्ष रही है बल्कि वोक्कालिगा बहुल पुराने मैसूर क्षेत्र की राजनीति में अपनी पहचान बनाए रखने के लिए भी लड़ रही है.

द हिंदू से बातचीत में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेकुलर) के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि यह उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण चुनाव है. जद (एस) के सामने तीनों सीटों पर जीत हासिल करने की चुनौती है. हम पार्टी को पुनर्जीवित करेंगे और वापसी करेंगे.

कांग्रेस से उनके मुकाबले को लेकर उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और अन्य नेताओं से अब भी गंभीर खतरा बना हुआ है. उनका मुख्य एजेंडा मुझे मांड्या में और एचडी रेवन्ना के बेटे प्रज्वल रेवन्ना को हासन में खत्म करना है. इसके लिए कई गैरकानूनी काम भी किए जा रहे हैं.’

भाजपा से गठबंधन पर कुमारस्वामी ने कहा, ‘गठबंधन के बिना भाजपा और जद (एस) के वोटों के बंटवारे से कांग्रेस 15 से अधिक सीटें जीत लेती. अगर हम अकेले जाते तो पैसे की भी दिक्कत होती. इतना ही नहीं, यह गठबंधन कांग्रेस सरकार द्वारा कर्नाटक में होने वाले नुकसान को रोकने और सरकार को हटाने के लिए है. अन्यथा, 2023 के विधानसभा चुनाव परिणामों के अनुसार, गठबंधन के बिना भी जेडी (एस) अपने दम पर मांड्या, कोलार, तुमकुरु और हसन निर्वाचन क्षेत्रों में जीतने में सक्षम थी.’

गठबंधन की भविष्य को लेकर उन्होंने कहा, ‘भाजपा से हाथ मिलाने के बाद हम स्थायी तौर पर उनके साथ रहना चाहते हैं. इस गठबंधन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि चीजें किस तरह आगे बढ़ेंगी और वे हमारे साथ कैसा व्यवहार करते हैं.’

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के साथ लगातार विवाद को लेकर उन्होंने कहा, ‘राजनीति में कोई भी स्थाई दुश्मन नहीं होता. उनका अनावश्यक रूप से हमलावर होना ही मूल कारण है. हमारी पार्टी और नेतृत्व की उनकी आलोचना का उद्देश्य हमारी पार्टी को ख़त्म करना है. वह हमारी छवि खराब करना चाहते हैं.’

इस विवाद से वोक्कालिगा समुदाय के वोट बंटने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘वोटों के बंटवारे का कोई सवाल ही नहीं है. वो समुदाय के नेता नहीं बन सकते. उन्होंने खुद कहा है कि वह सिर्फ वोक्कालिगा का नाम नहीं लेना चाहते और वह सभी का प्रतिनिधित्व करते हैं.’

गठबंधन से कर्नाटक को होने वाले फायदों के बारे में कुमारस्वामी ने कहा, ‘पिछले 77 वर्षों में एचडी देवेगौड़ा के अलावा कई (केंद्रीय) सरकारों ने सिंचाई के मामले में कर्नाटक को निराश किया है. अब हर कोई मानता है कि नरेंद्र मोदी स्थिरता के लिए बेहतर इंसान हैं. हम उसके साथ समन्वय करेंगे और परिणाम प्राप्त करेंगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम 40 साल से लंबित मेकेदातु मुद्दे को उठाएंगे. हमें विश्वास है कि इसे केंद्रीय संस्थानों द्वारा पूरा किया जाएगा और मंजूरी दी जाएगी.’

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में कर्नाटक के 14 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होने हैं.

कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश की किस्मत तय हो जाएगी. डीके सुरेश देश के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं.

 

Source: The Wire