13 मई को न्यूज़ 18 को दिए एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी से पूछा गया था कि उन्होंने ये क्यों कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो राम मंदिर का फैसला पलट देगी, तो उन्होंने इनकार किया कि ये उनका बयान नहीं है. हालांकि, सात मई को मध्य प्रदेश के धार में हुई एक चुनावी सभा के वीडियो में वे साफ़ कहते दिख रहे हैं कि मोदी को चार सौ सीटें इसलिए चाहिए कि कांग्रेस अयोध्या के राम मंदिर पर बाबरी ताला न लगा दे.

 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक और बयान से पलट गए हैं. इसी महीने की शुरुआत में एक चुनावी रैली में हजारों लोगों के सामने मोदी ने कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आ गई तो अयोध्या के राम मंदिर पर ‘बाबरी ताला’ लगा देगी. इस साल जनवरी में मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य भूमिका निभाई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, 7 मई को मध्य प्रदेश के खरगोन और धार में मोदी ने कहा था, ‘मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस कश्मीर में धारा 370 को फिर से चिपका न दे. मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस अयोध्या में राम मंदिर पर बाबरी ताला न लगा दे.’

मोदी के इस भाषण ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया था. पहली बार मोदी ने बताया था कि उन्हें 400 सीटें क्यों चाहिए. नीचे दिए गए वीडियो में मोदी 16 मिनट के बाद यह बात कह रहे हैं:

 

विश्लेषकों का कहना है कि अब ‘400 पार’ का नारा भाजपा के लिए गले की फांस बन गया है. इस नारे से एससी, एसटी और ओबीसी के बीच संदेह पैदा हो गया है कि भाजपा को इतनी सीटें इसलिए चाहिए ताकि वह संविधान बदलकर आरक्षण की व्यवस्था को खत्म कर सके.

13 मई को न्यूज-18 को दिए एक इंटरव्यू में जब एंकर अमीश देवगन ने मोदी से पूछा कि उन्होंने ये क्यों कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो राम मंदिर का फैसला पलट देगी, तो मोदी का जवाब था- ‘ये मेरा बयान नहीं है.’ देवगन ने कहा- ‘आपने बोला है ऐसा.’ लेकिन मोदी ने फिर से कहा, ‘यह मेरा बयान नहीं है, मेहरबानी कर के मेरे मुंह में बयान मत डालिए.’

एक सार्वजनिक रैली में हजारों लोगों के सामने दिए गए और अखबारों में व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए बयान से मोदी के पीछे हटने पर देवगन आश्चर्यचकित दिखाई देते हैं. नीचे दिए गए वीडियो में 8:43 पर वे ऐसा कहते है.

 

इससे पहले भी पीएम मोदी अपने एक और बयान से भी पलट चुके हैं.

21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में उन्होंने मुस्लिम विरोधी बयान दिया था. उस भाषण के कुछ हिस्सों को उन्होंने बाद की रैलियों में भी दोहराया. लेकिन, 14 मई को वाराणसी में नामांकन दाखिल करते समय मोदी ने यह मानने से ही इनकार कर दिया कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा था. उल्टा उन्होंने कहा, ‘मैं जिस दिन हिंदू-मुसलमान करुंगा, उस दिन सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा. मैं हिंदू-मुसलमान नहीं करूंगा, ये मेरा संकल्प है.’

बाद में मोदी वाराणसी में कही बातों से भी पटल गए और फिर से मुसलमानों के ‘खतरे’ गिनाने लगे. वे बताने लगे कि विपक्ष के चुनाव जीतने पर कैसे दलितों, पिछड़ों और आदिवासी समुदायों के आरक्षण का हिस्सा मुसलमानों को दे दिया जाएगा.

अंबानी-अडानी पर बयान देकर अपने समर्थकों को चौंकाया

इसी बीच, तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने यह कहकर अपने समर्थकों को चौंका दिया था कि अडानी-अंबानी टेंपो भरकर विपक्ष को बहुत सारा पैसा दे रहे हैं. मोदी के इस बयान पर टाइम्स नाउ में जब कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल से सवाल पूछा गया तो उनका कहा, ‘केवल मोदी ही जवाब दे सकते हैं.’

हालांकि, मोदी ने अभी तक अपने बयान पर स्पष्टीकरण नहीं दिया है, न ही बयान से पलटे हैं.

अंबानी-अडानी वाले बयान में विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा था, ‘क्या सौदा हुआ है. आपने रातों रात अंबानी, अडानी को गाली देना बंद कर दिया. ज़रूर दाल में कुछ काला है. पांच साल तक अंबानी, अडानी को गाली दी और रातों रात गालियां बंद हो गईं. मतलब कोई न कोई चोरी का माल, टेंपो भर भरकर आपने पाया है. देश को जवाब देना पड़ेगा.’

हालांकि, द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कांग्रेस ने अंबानी-अडानी पर बात करना बंद नहीं किया है. मोदी ने 8 मई को कांग्रेस पर अंबानी-अडानी के खिलाफ मुंह बंद करने का आरोप लगाया था. लेकिन 24 अप्रैल को ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अंबानी-अडानी को घेरा था. उन्होंने कहा था, ‘इस देश में हो यह रहा है कि दो विक्रेता और दो खरीदार हैं. बेचने वाले मोदी और शाह हैं, और खरीदने वाले अंबानी और अडानी हैं.’

Source: The Wire