आज कल का राजा ज्यादा समझदार है। जान तोते में नहीं, व्यापारी में रखता है। और आजकल राजकुमार भी ज्यादा समझदार है। जानता है कि…

कहानी पुरानी है। वैसे कहानी तो असली वह होती है जो कभी भी पुरानी न हो। ऐसे ही हमारी यह कहानी पुरानी तो है ही, नई भी है।

तो हमारी इस कहानी में एक देश है और उस देश का एक राजा है। पहले भी यही होता था, आज भी यही होता है। देश तो देश ही होता है पर राजा का नाम या तो राष्ट्रपति हो जाता है या फिर प्रधानमंत्री। पर होता वह राजा ही है।

कहानियों में राजा की जान एक तोते में होती है। मतलब राजा तब तक है जब तक तोता है। तोता खत्म तो राजा खत्म। किसी को राजा को मारना हो तो तोते को मारे। उधर तोते की एक टांग तोड़ी तो राजा भी लंगड़ा हो गया। गरदन मरोड़ी तो राजा भी मर गया।

आप कहेंगे, मैं झूठी कहानी सुना रहा हूँ। बचपन में तो जो कहानी सुनी थी, उसमें तो राक्षस की जान तोते में होती थी। एक भीमकाय, बड़े बड़े दांतों वाले महाराक्षस की जान तोते में होती थी। और उस दैत्याकर राक्षस की कैद में एक सुन्दर सी राजकुमारी भी होती थी। राजकुमार को उस राजकुमारी से प्यार हो जाता था। तब राजकुमार राजकुमारी को राक्षस की कैद से छुड़ाने के लिए उस तोते को मार डालता था। बस उस तोते तक पहुंचने का रास्ता जरूर कठिन होता था।

लेकिन अब आप बड़े हो गए हैं। व्हाट्सप्प व्हाट्सप्प खेलने लगे हैं। और इस खेल में कमाने भी लगे हैं। बताया जाता है कि हर एक व्हाट्सप्प फॉरवर्ड का कुछ पैसा भी मिलता है। तो आप यह भी समझ जाओ कि वह राक्षस राजा भी हो सकता है और राजा भी वह राक्षस। बस कर्मों का फेर है। कर्म से ही तो कोई राजा या राक्षस होता है।

राजा की जान अपने आप में नहीं, तोते में बसती है। आपने तोते को पहचाना नहीं, कि राजा की जान का पता चल गया। लेकिन यह पुरानी बात है। उस जमाने में राजा और राक्षस अपनी जान तोते या मैना में रखते थे। जान किसी निरीह पक्षी में रखो और फिर उसको कहीं दूर जंगलों, नदियों, पहाड़ों पार किसी किले में पिंजरे में कैद रखो। चारों ओर पहरा रखो। अपने को नहीं, उस तोते को जेड प्लस प्लस सुरक्षा दो। उस पर खर्च करो। मतलब जान की सुरक्षा के लिए सब कुछ करो।

पर आज का राजा (राजा कहो या राक्षस, बात एक ही है) समझदार हो गया है। एसपीजी की, ब्लैक कमांडो की जेड प्लस प्लस सुरक्षा अपने लिए रखता है और अपनी जान आठ हज़ार करोड़ के हवाई जहाज में रखता है, चारों और फ़्लैश लाइट जलाते कैमरों में रखता है या फिर रखता है अपने व्यापारी मित्र में। अपनी जान अपने व्यापारी मित्र में रखना सबसे लाभदायक है, यह हमारे सरकार जी जानते हैं।

जान व्यापारी मित्र में रखने का लाभ यह है कि आपको उस पर नहीं खर्च करना पड़ेगा बल्कि वह आप पर खर्च करेगा। आपको आपकी चुनावी यात्रा के लिए अपना प्राइवेट जेट देगा। आपकी चुनावी सभाओं का, रोड शो का, रैलीओं का खर्च उठाएगा। आपको चंदा देगा। बस बदले में धंधा लेगा। देश में ही नहीं, विदेश में भी धंधा। सरकार जी की गारंटी मांगेगा। सुरक्षा की गारंटी। तो सरकार जी ने अपनी जान व्यापारी में रख दी।

आज कल का राजा ज्यादा समझदार है। जान तोते में नहीं, व्यापारी में रखता है।

और आजकल राजकुमार भी ज्यादा समझदार है। जानता है कि जान का पता चल जाये, आप एक बार उस तक पहुंच जाएं तो फिर आप राजा जी को जैसे मर्जी नचा सकते हो। तोते को पहचानने के बाद जितना मज़ा राजा को नचाने में है उतना जान लेने में नहीं है। यह बात माय फ्रेंड ट्रम्प को भी पता है।

ट्रम्प जी जानते हैं कि जान तोते में नहीं, एक व्यापारी में है। और व्यापारी फंसा हुआ है। ट्रम्प जी के देश में ही फंसा हुआ है। ट्रम्प जी ने कह दिया है दोस्त, तेरी जान महफूज रहेगी। तू बस हाथी सहलाता रह, शेर के साथ फोटो खिंचवाता रह, गंगा माँ के मायके जाता रह। तेरा देश अब में चलाऊंगा। भारत कितना टैरिफ वसूलेगा, उससे कितना टैरिफ वसूला जायेगा, यह मैं यहाँ वाशिंगटन में बताऊंगा। दोस्त तेरा तोता मैं सम्हालूंगा।

 

Source: News Click