
इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण कन्नड़ में अब्दुल रहीम की हत्या के बाद सांप्रदायिक घटनाओं से निपटने के लिए कर्नाटक सरकार ने विशेष कार्रवाई बल के गठन का निर्णय लिया है. बताया गया है कि डीआईजीपी रैंक के अधिकारी सहित 248 कर्मी इस बल का हिस्सा होंगे.
नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार के आदेश के बाद सांप्रदायिक घटनाओं से निपटने के लिए एक विशेष कार्रवाई बल (स्पेशल एक्शन फोर्स) का गठन किया जाएगा, जिसमें नक्सल विरोधी बल के जवान शामिल होंगे.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, विशेष कार्रवाई बल दक्षिण कन्नड़, शिवमोगा और उडुपी जिलों में स्थापित किया जाएगा और इसमें तीन कंपनियां होंगी.
मालूम हो कि इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण कन्नड़ में अब्दुल रहीम की हत्या के बाद विशेष कार्रवाई बल के गठन का निर्णय लिया गया था. पुलिस ने हत्या के आरोप में बंटवाल तालुक के तीन लोगों दीपक (21), पृथ्वीराज (21) और चिंतन (19) को गिरफ्तार किया है.
दक्षिण कन्नड़ के एसपी यतीश एन. के अनुसार, दीपक ने रहीम से फोन पर संपर्क किया था और उसे रेत सप्लाई करने के लिए कहा था. बाद में जब वह रेत उतार रहा था, तो तलवारों से लैस आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया.
ज्ञात हो कि इस महीने की शुरुआत में जिले में हिंदू कार्यकर्ता और हिस्ट्रीशीटर सुहास शेट्टी की हत्या भी हुई थी.
कर्नाटक सरकार द्वारा 28 मई को जारी आदेश के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजीपी) रैंक के अधिकारी सहित 248 कर्मी इस बल का हिस्सा होंगे.
बताया गया है कि विशेष कार्रवाई बल की भूमिका में एक खुफिया इकाई शामिल होगी, जिसमें मीडिया और सोशल मीडिया के साथ-साथ नफरत फैलाने वाले भाषण, भड़काऊ घटनाओं और सांप्रदायिक घटनाओं के बारे में खुफिया जानकारी एकत्र करने और निगरानी करने के लिए एक तकनीकी सेल शामिल होगा.
यह बल संभावित सांप्रदायिक हिंसा पर निगरानी और खुफिया जानकारी के माध्यम से एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली भी बनाएगा. इसके अलावा बल विभिन्न गतिविधियों के जरिये क्षेत्र में भरोसा जगाने का काम करेगा और कट्टरपंथ की पहचान और निगरानी के लिए उपाय सुनिश्चित करेगा.
विशेष कार्रवाई बल सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में क्षेत्रीय आईजीपी द्वारा अधिकारियों/कर्मियों की तैनाती के लिए भी कदम उठाएगा.
इस संबंध में कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने गुरुवार (29 मई) को कहा था, ‘विशेष कार्रवाई बल को तुरंत स्थापित करने और लागू करने के लिए आदेश जारी किया गया है. आवश्यक सहायता और सहायता प्रदान की जाएगी और पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (डीजी और आईजीपी) द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. तीनों जिले बहुत संवेदनशील माने जाते हैं. सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी,’