
केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में शांति के दावों को चुनौती देते हुए आतंकियों ने मंगलवार को पहलगाम में पर्यटकों पर भीषण हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मृत्यु की ख़बर है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के मुताबिक, यह हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला है.
श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के पहलगाम हेल्थ रिसॉर्ट में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में कम से कम 24 पर्यटकों की मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी शामिल हैं. इसके अलावा दो स्थानीय लोगों की भी मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. यह घटना सूबे में हुए सबसे वीभत्स आतंकी हमलों में से एक है.
यह घातक हमला, जो जम्मू-कश्मीर में नाजुक सुरक्षा स्थिति को उजागर करता है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बलों की तैयारियों की समीक्षा करने के बमुश्किल एक पखवाड़े बाद हुआ है. प्रधानमंत्री सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में छोड़ भारत वापस लौट रहे हैं.
हमले में मारे गए विदेशियों की राष्ट्रीयता तथा अन्य मृतकों की पहचान पहचान अब तक मालूम नहीं चल सकी है, पर बताया गया है कि हताहतों में से कुछ महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात और कर्नाटक से हैं. इस खबर के लिखे जाने के समय तक हताहतों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. एनएनआई मामले की जांच अपने हाथ में ले सकती है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक उच्च पदस्थ अधिकारी के हवाले से बताया, ’26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं.’ हालांकि, अधिकारी ने अधिक जानकारी नहीं दी.
अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके हैं और वे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं.
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैन्स अपने परिवार के साथ भारत के चार दिवसीय दौरे पर हैं. इस हमले ने मार्च 2000 की स्याह स्मृति ताज़ा कर दी जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के आधिकारिक दौरे पर थे, अनंतनाग ज़िले के चिट्टीसिंहपुरा गांव में एक आतंकी हमले में 35 सिखों की हत्या हो गयी थी.
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है. माना जाता है कि यह संगठन पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक अंग है. संगठन ने एक बयान में इस हमले को भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में कथित ‘जनसांख्यिकीय परिवर्तन’ का बदला बताते हुए उचित ठहराने की कोशिश की है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल ही में हुए इस खुलासे का जिक्र करते हुए कि पिछले दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को 83,742 निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, संगठन ने कहा कि वे (गैर-स्थानीय लोग) ‘सैलानी के रूप में आते हैं, डोमिसाइल लेते हैं और फिर ऐसा बर्ताव करना शुरू कर देते हैं जैसे कि वे जमीन के मालिक हैं.’
सोशल मीडिया पर प्रसारित टीआरएफ के बयान में कहा गया, ‘नतीजन, (जम्मू-कश्मीर में) अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वालों के खिलाफ हिंसा की जाएगी.’
द वायर इस बयान की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.
दोपहर में हुआ हमला
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को दोपहर करीब 2:50 बजे बैसरन घाटी (जो अपने घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है) में गोलियों की आवाज सुनी गई. पहलगाम बस स्टैंड से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह हाइक करने वालों और एडवेंचर पसंद करने वाले सैलानियों के बीच बहुत लोकप्रिय है. इस क्षेत्र में भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान अक्सर गश्त करते हैं.
जिला मुख्यालय तक खबर पहुंचने के तुरंत बाद अनंतनाग से सिविल और पुलिस अधिकारियों की एक टीम पहलगाम के ऊपरी इलाकों की ओर रवाना हुई, जहां सड़क मार्ग से पहुंचने की कोई सुविधा नहीं है. इन घास के मैदानों तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता तरीका पैदल है, अन्यथा घोड़े या हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है.
चश्मदीदों ने द वायर को बताया कि इस समय यह सैलानियों से भरा हुआ था, क्योंकि कई दिनों की बारिश और तूफान के बाद मौसम खुला था.
ख़बरों में बताया गया है कि हमलावर, जिनकी संख्या ज्ञात नहीं है, शायद पहाड़ों पर हाइकिंग करते हुए वहां पहुंचे थे और उन्होंने पर्यटकों पर फायरिंग की. मृतकों की पहचान भी अब तक मालूम नहीं चली है. ऐसा बताया गया है कि कुछ विदेशी सैलानी भी फायरिंग के वक़्त वहां मौजूद थे.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह हमला ‘हाल के सालों में आम नागरिकों पर हुए किसी भी हमले से कहीं ज्यादा बड़ा था. ‘
मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे कम से कम दो पीड़ितों को गंभीर अवस्था में अनंतनाग जिला अस्पताल लाया गया. दो अन्य पीड़ितों को पास के एक चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को इलाज के लिए हेलीकॉप्टरों से श्रीनगर स्थित मिलिट्री बेस अस्पताल ले जाया गया.
सोशल मीडिया पर सामने आए कुछ वीडियो
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो के अनुसार, एक युवती को रोते हुए यह कहते हुए देखा जा सकता है, ‘मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी, तभी एक आदमी आया और उन्हें गोली मार दी. उसने (बंदूकधारी) कहा कि वह शायद मुसलमान नहीं था और इसीलिए उसने उन्हें गोली मार दी.’

वीडियो में एक अधेड़ उम्र की महिला दिखती हैं, जिनके चेहरे पर खून लगा है, साथ ही एक परेशान युवक को भी देखा जा सकता है. कैमरा लिए कश्मीरी व्यक्ति पीड़ितों को दिलासा देते हैं कि डरने की कोई बात नहीं है और वह उनके साथ रहने वाले हैं.
एक महिला चीखती-चिल्लाती सुनाई पड़ती हैं जो उनके पति को बचा लेने की गुहार लगा रही हैं. कुछ दूरी पर एक युवक खून से लथपथ अवस्था में जमीन पर बेसुध पड़ा दिखता है, और एक स्थानीय घुड़सवार अपने कान से फोन लगाए हुए वहां से गुजरता है. फिर कैमरा घास के मैदान की ओर मुड़ता है, जहां दो से तीन व्यक्ति एक-दूसरे से कुछ दूरी पर अचेत पड़े हुए देखे जा सकते हैं.
‘भाई हमारी मदद करो… मेरे पति को बचा लो, उनकी हालत खराब है,’ एक और युवती अपने पति के बारे में वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति से कहती है, जो उन्हें पानी देता है और 49 सेकेंड का वीडियो खत्म हो जाता है.

हमले के बाद इलाके में सेना की मदद से घेराबंदी और तलाशी अभियान भी चलाया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों का पता लगाने के लिए इलाके के ऊपर हेलीकॉप्टर मंडराते देखे गए.
सूत्रों ने बताया कि हमले में कुछ पीड़ित गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इससे दक्षिण कश्मीर के लोकप्रिय हेल्थ रिसॉर्ट में चिंता और डर की लहर फैल गई है क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि इससे पर्यटन क्षेत्र को झटका लग सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, घायलों में विदेशी भी शामिल हो सकते हैं. एक खबर के मुताबिक, पीड़ितों में शामिल मानी जा रही एक महिला ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके हमले की सूचना दी और बताया कि उनके पति के सिर पर चोट लगी है और हमले में छह से सात और पर्यटक घायल हुए हैं. द वायर इसकी पुष्टि नहीं कर सका है.
एक अज्ञात महिला ने फोन पर समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘मेरे पति के सिर में गोली लगी है, जबकि सात अन्य लोग भी हमले में घायल हुए हैं.’ महिला ने घायलों को निकालने में मदद करने की गुहार भी लगाई.
पीटीआई की एक अन्य खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और शाह से ‘सभी उचित उपाय’ करने और ‘घटनास्थल का दौरा करने’ को कहा है.
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक कर्रा, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविंदर रैना और अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी हमले की निंदा की है.
Source: The Wire