
गाजा युद्ध विराम समझौते की वार्ता के मुख्य मध्यस्थों संयुक्त राज्य अमेरिका, मिस्र और कतर की ओर से कतर के प्रधान मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने बुधवार 15 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजराइल के बीच युद्ध विराम और कैदियों के बदले कैदियों की अदला-बदली का समझौता हुआ है।
अल थानी ने कहा कि युद्ध विराम रविवार 19 जनवरी को लागू होगा और उन्होंने समझौते के कुछ डिटेल्स भी बताए। साथ ही कहा कि इज़राइल और हमास के साथ कार्यान्वयन के चरणों पर काम अभी भी चल रहा है क्योंकि कुछ अंतिम डिटेल्स को अभी भी सुलझाया जाना है। गुरुवार, 16 जनवरी को समझौते पर इज़राइली सरकार का मतदान होना है।
युद्ध विराम समझौते का डिटेल्स
हमास, इज़राइल या किसी भी मध्यस्थ द्वारा अभी तक पूरे डिटेल्स की पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, विभिन्न मीडिया आउटलेट्स ने युद्ध विराम और कैदियों के बदले कैदियों के आदान-प्रदान के सौदे पर कथित रूप से स्रोतों द्वारा दिए किए गए कुछ डिटेल्स की रिपोर्ट की है। यह समझौता तीन चरणों में लागू किया जाएगा जिनमें से प्रत्येक छह सप्ताह तक चलेगा।
पहला चरण
युद्ध विराम समझौते के पहले चरण में रविवार, 19 जनवरी से लड़ाई बंद हो जाएगी। इसमें कुछ कैदियों के बदले कैदियों की अदला-बदली, इजराइली कब्जे वाली सेना (IOF) की आंशिक वापसी और घिरे हुए इलाके में सहायता की बढ़ोतरी भी शामिल होगी। पहले चरण का कार्यान्वयन युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए निरंतर बातचीत के साथ-साथ चलेगा।
पहले चरण के दौरान, 55 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं, बच्चों और बीमार पुरुषों सहित 33 इजराइली कैदियों को धीरे-धीरे रिहा किया जाएगा। बदले में, इजराइल 700 से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, जिनमें लगभग 275 आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
इज़राइली टीवी चैनल12 के अनुसार, पहले दिन तीन कैदी रिहा किए जाएंगे, सातवें दिन चार कैदी रिहा किए जाएंगे और 14वें दिन 13 अन्य और रिहा किए जाएंगे। 28वें दिन तीन बंदी रिहा किए जाएंगे तथा 35वें दिन तीन अन्य कैदी रिहा किए जाएंगे। शेष कैदी पहले चरण के अंतिम सप्ताह के दौरान रिहा किए जाएंगे।
जबकि कतर, मिस्र और अमेरिका समग्र रूप से समझौते के कार्यान्वयन के लिए गारंटर के रूप में काम करेंगे, कतर और मिस्र पहले चरण के भीतर दक्षिणी गाजा पट्टी से विस्थापित लोगों की उत्तर की ओर वापसी की निगरानी करेंगे, बशर्ते कि वे तटीय सड़क के जरिए पैदल ही वापस लौटें।
गाजा के उत्तरी हिस्से को दक्षिणी हिस्से से अलग करने वाले नेत्ज़ारिम गलियारे से इज़राइली ऑक्यपेशन फोर्सेस (IOF) की वापसी कई चरणों में पूरी की जाएगी। कहा जाता है कि हमास ने मध्यस्थों से IOF की वापसी के लिए समय-सीमा तय करने की मांग की है। IOF पहले चरण के दौरान इज़राइल के साथ गाजा की पूर्वी और उत्तरी सीमाओं पर 800 मीटर गहरा बफर ज़ोन बनाए रखेगा।
युद्ध विराम लागू होने के बाद, ईंधन की 50 ट्रकों सहित 600 सहायता ट्रक हर दिन गाजा में प्रवेश करेंगे। गाजा के विस्थापित लोगों को 2,00,000 टेंट और 60,000 मोबाइल घर भी दिए जाएंगे। गाजा में अंतर्राष्ट्रीय सहायता के प्रवेश की अनुमति देने के लिए, युद्ध विराम समझौते के प्रभावी होने के बाद, राफ़ा सीमा क्रॉसिंग मिस्र के स्पॉन्सर्शिप और हमास के कोऑर्डिनेशन में तुरंत काम करना शुरू कर देगी।
दूसरा चरण
दूसरे चरण के क्रियान्वयन पर बातचीत, पहले चरण के 16वें दिन शुरू होगी जिसमें इजराइली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की एक निश्चित संख्या के बदले शेष 65 इजराइली कैदियों की रिहाई, एक स्थायी युद्धविराम और गाजा पट्टी से इजराइल की पूरी तरह वापसी शामिल होगी।
तीसरा चरण
तीसरे चरण में पहचान के बाद दोनों पक्षों के कब्जे में मौजूद अवशेषों और शवों का आदान-प्रदान शामिल होगा। जैसे ही तीसरा चरण शुरू होगा, गाजा का पुनर्निर्माण शुरू हो जाएगा और तीन से पांच साल तक चलेगा। पुनर्निर्माण प्रक्रिया में घर, नागरिक भवन और बुनियादी ढांचा शामिल होगा, जिसमें मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों और संगठनों की देखरेख में सभी प्रभावित व्यक्तियों को मुआवज़ा दिया जाएगा। इसके अलावा, तीसरे चरण में क्रॉसिंग को खोलना और लोगों और सामानों की आवाजाही की अनुमति देना शामिल है।
हमास, इज़राइल और मध्यस्थों की टिप्पणियां
बुधवार को युद्ध विराम समझौते की घोषणा करने के बाद कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने पुष्टि की कि उनका देश कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की देखरेख में फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा। कतर के प्रधानमंत्री ने दोहराया कि “कतर समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन और गाजा पट्टी में स्थायी शांति की बहाली सुनिश्चित करने के लिए अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करेगा।”
कतर के प्रधानमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने संबोधन में घोषणा की कि समझौता हो गया है। उन्होंने इसके चरणों के बारे में भी मोटे तौर पर जानकारी दी। बाइडेन ने इस समझौते का श्रेय लेते हुए कहा कि यह काफी हद तक मई में उनके द्वारा किए गए प्रस्ताव की रूपरेखा को दर्शाता है।
हालांकि, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि महीनों तक रुकी हुई बातचीत के बाद मिली सफलता का श्रेय उन्हें जाता है, जबकि उन्होंने बार-बार चेतावनी दी थी कि अगर उनके पदभार ग्रहण करने तक कोई समझौता नहीं हुआ तो उन्हें “भारी कीमत चुकानी पड़ेगी”।
ट्रंप ने कहा, “यह युद्धविराम समझौता नवंबर में हमारी ऐतिहासिक जीत के परिणामस्वरूप ही संभव हो सका, क्योंकि इसने पूरी दुनिया को संकेत दिया कि मेरा प्रशासन शांति की तलाश करेगा और सभी अमेरिकियों और हमारे सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समझौतों पर बातचीत करेगा”
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने युद्धविराम समझौते का स्वागत किया और “वर्तमान भयावह मानवीय संकट को दूर करने के लिए गाजा के लोगों को बिना किसी बाधा के महत्वपूर्ण मानवीय सहायता की तेजी से करने की तत्काल आवश्यकता” पर जोर दिया।
मध्यस्थों द्वारा युद्ध विराम समझौते होने की घोषणा के बाद, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार देर रात कहा कि अंतिम डिटेल्स की पुष्टि होने तक समझौता अभी भी पूरा नहीं हुआ है।
बुधवार को अल जजीरा टेलीविजन पर जारी एक बयान में वरिष्ठ हमास अधिकारी खलील अल-हय्या ने युद्ध विराम समझौते की घोषणा को फिलिस्तीनी लोगों के स्वतंत्रता के संघर्ष का “एक ऐतिहासिक क्षण” बताया। अल-हय्या ने बताया कि “अल-अक्सा बाढ़” संघर्ष फिलिस्तीनी मामले के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है जो इस बात की पुष्टि करता है कि फिलिस्तीनी लोगों की दृढ़ता और प्रतिरोध की बहादुरी ने “इजराइली दुश्मन की योजनाओं को विफल कर दिया”।
Source: News Click