
मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित संभाजी नगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की क़ब्र को हटाने की हिंदुत्व समूहों की मांग के बाद पूरे महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव है. सोमवार को विहिप और बजरंग दल द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘कलमा’ लिखे कपड़े को जलाने की अफवाह के बाद नागपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क उठी.
मुंबई: मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित संभाजी नगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की हिंदुत्व समूहों की मांग ने पूरे महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव को जन्म दे दिया है. मुसलमानों के लिए पवित्र माने जाने वाले रमजान के महीने के दौरान किए गए सांप्रदायिक आह्वान के तत्काल परिणामस्वरूप सोमवार (18 मार्च) को लगभग 500 किलोमीटर दूर विदर्भ क्षेत्र में नागपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क उठी.
प्रभावित क्षेत्रों में से एक महल क्षेत्र है, जहां भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय स्थित है.
रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर में तनाव तब बढ़ गया जब पूरे राज्य में अपुष्ट खबरें फैलीं, जिसमें दावा किया गया कि कट्टरपंथी हिंदुत्व समूहों विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदुत्ववादी उपद्रवियों द्वारा पाक़ ‘कलमा’ लिखे कपड़े को जला दिया गया.
नागपुर के विभिन्न इलाकों जैसे चिटनिस पार्क, कोतवाली, गणेशपेठ और महल इलाके में हिंसा की घटनाएं सामने आईं. हिंसा का पहला दौर शाम 7.30 बजे के आसपास शुरू हुआ और दूसरा दौर रात 10.30 बजे के आसपास.
इस बीच कई वाहनों को आग लगा दी गई, दुकानों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस पर पथराव किया गया. नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने सोमवार देर रात मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि पथराव की घटना में कम से कम चार पुलिसकर्मी घायल हो गए.
उल्लेखनीय है कि आरएसएस मुख्यालय होने के साथ-साथ नागपुर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का गृहनगर भी है.
फडणवीस ने पथराव की घटना को ‘अनुचित’ बताते हुए नागपुर के निवासियों से ‘शांति बनाए रखने’ की अपील की. हिंसा के बाद एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस आयुक्त को हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.’

पिछले कुछ हफ़्तों से देश भर में और ख़ास तौर पर महाराष्ट्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जहां हिंदुत्ववादी समूह संभाजी नगर के खुल्दाबाद तालुका में मुगल बादशाह औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, ये मांगें नई नहीं हैं और हर साल शिवाजी जयंती या रमज़ान के दौरान एक विवादास्पद मुद्दा बन जाती हैं, जिससे दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ जाता है.
सिंघल ने कहा कि नागपुर में एक ‘फोटोग्राफ’ को आग लगाने के बाद हिंसा भड़क उठी. उन्होंने कहा, ‘इस घटना में मामला दर्ज कर लिया गया है.’ सिंघल ने यह भी कहा कि नागपुर के कई इलाकों में निषेधाज्ञा (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत) लागू कर दी गई है.
कई प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मास्क पहने हुए ‘अज्ञात व्यक्ति’ हंसपुरी इलाके में घुस आए, जो आरएसएस मुख्यालय से सिर्फ़ एक किलोमीटर दूर है.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने द वायर को बताया, ‘वे हथियार, हॉकी स्टिक और कांच की बोतलों से लैस थे. उनका इरादा हंगामा करना था.’ प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उपद्रवियों ने हंगामा मचाया और जल्द ही इकट्ठा हुई भीड़ में तितर-बितर हो गए.
नागपुर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया
नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने कहा कि नागपुर के कई इलाकों में निषेधाज्ञा (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत) लागू कर दी गई है. पुलिस ने कहा कि प्रतिबंध अगले नोटिस तक लागू रहेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोतवाली, गणेशपेट, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर थानाक्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है. आदेश में चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर लोगों के अपने घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
आदेश में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर भी रोक लगाई गई है और अफवाहों के प्रसार पर भी रोक लगाई गई है. आदेश में कहा गया है कि उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) के तहत कार्रवाई की जाएगी.
कर्फ्यू आदेश में पुलिस कर्मियों, सरकारी अधिकारियों, आवश्यक सेवा प्रदाताओं, अग्निशमन कर्मियों और परीक्षा देने वाले छात्रों को छूट दी गई है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं.
Source: The Wire